॥ आत्मसंतोष ॥
एक नगर का राजा, जिसे ईश्वर ने सब कुछ दिया, एक समृद्ध राज्य, सुशील और गुणवती पत्नी, संस्कारी सन्तान सब कुछ था उसके पास, पर फिर भी दुःखी का दुःखी रहता।एक बार वो घूमते घूमते एक छोटे से गाँव में पहुँचा, जहाँ एक कुम्हार भगवान भोले बाबा के मन्दिर के बाहर मटकियां बेच रहा था […]