अक्षय त्रित्या (आखा तीज)

हिन्दू व्रत त्योहार शृंखला के अंतर्गत आज हम अक्षय त्रित्या के महत्व के बारे में
कुछ महत्वपुर्ण जानकारियाँ: साझा कर रहे हैं I

अक्षय त्रित्या वैशाख महीने में मनाया जाता हैं I
ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण।
माँ अन्नपूर्णा का जन्म।
चिरंजीवी महर्षी परशुराम का जन्म हुआ था इसीलिए आज परशुराम जन्मोत्सव भी हैं।
कुबेर को खजाना मिला था।
माँ गंगा का धरती अवतरण हुआ था।
सूर्य भगवान ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया।
महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।
वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना गणेश जी के साथ शुरू किया था।
प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण धाम का कपाट खोले जाते है।
बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण चरण के दर्शन होते है।
जगन्नाथ भगवान के सभी रथों को बनाना प्रारम्भ किया जाता है।
आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी।
अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय (नाश) न हो!!!
अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है….!!!

आज के दिन विशेष मंत्रों के द्वारा सिद्ध दक्षिणावर्ती संख घर में स्थापित करें ,
माँ अन्नपूर्णा आप के घर में स्वयं आकर विराज मान हो जायेगी .!

ज्ञान स्रोत
महामंडलेश्वर
योगिनी गुरु माँ राधा सरस्वती जी महाराज

Sign Up to receive the latest updates and news

© 2007-2024 YAGPU COMMUNICATION PVT.LTD All rights reserved.